Chandrayaan 3 Live update : चाँद बस कुछ पल की दूरी पर चंद्रयान 3 कल 23 अगस्त को होगा लँड अब चंद्रमा पे लहरायेगा तिरंगा । ISRO (Indian Space Research Organisation) ने कहा ऑल इज वेल । चंद्रयान 2 ने चंद्रयान 3 से कहा “वेलकम बडी’ । कल शाम 6.04 बजे लैंड करने की उमीद शाम 5.20 बजे से सीधा प्रसारण । देशभर मे मिशन चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) के लिए प्रार्थना । रशिया को भारत के Chandrayaan 3 से उमीद जल्दी खोजेगा रशियन अंतरिक्ष यान LUNA25 । आए जानते है खबरे विस्तार से ओर लेते है मिशन चंद्रयान 3 के पल की अपडेट
आज भारत की अंतरिक्ष एजेंसी से बड़ी खुशखबरी! चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान, जीसे 14 जुलाई 2024 को लॉन्च किया गया था वो अब चंद्रमा से सिर्फ 15km की दूरी पर है, ओर खुशी की बात यह है की Chandrayaan 3 शानदार स्थिति में है। इसकी सभी प्रणालियाँ पूरी तरह से काम कर रही हैं, और अंतरिक्ष एजेंसी के विशेषज्ञों को उम्मीद है कि जिस दिन इसे उतरना है उस दिन कोई समस्या नहीं होगी। पूरे शान से चंद्रयान 3 की लैन्डिंग होगी ओर अंतरिक्ष से बस एक ही आवाज आएगी “हिन्दुस्थान जिन्दाबाद’

Chandrayaan 3 अंतरिक्ष यान 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लक्ष्य करके अपनी लैंडिंग करने के लिए तैयार है। चंद्रमा के इस हिस्से में विशेष क्षेत्र हैं जिन्हें शाडोवेड क्रेटर कहा जाता है। ISRO के वैज्ञानिकों का मानना है कि इन गड्ढों में कुछ मूल्यवान चीज़ हो सकती है – पानी की बर्फ! और खोज से भविष्य मे या चंद्रमा पर बस्तियों के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण खोज हो सकती है।
आप को बता दे की यह एक यह आश्वस्त करने वाला अपडेटहै । दुर्भाग्य से हमारे मित्र देश रशिया रूसी लैंडर LUNA 25 को अपने मिशन के दौरान कठिनाइयों का सामना करने के दूसरे दिन बाद आया है। उस स्थिति के विपरीत, चंद्रयान-3 के लिए सब कुछ ठीक चल रहा है। ओर रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (Russian Federal Space Agency) को भारत के मिशन चंद्रयान 3 से उमीद है की Chandrayaan 3 रशियन लैनड़र LUNA 25 की खोज करेगा जो कुछ दिन पहेले रास्ता खो कर संपर्क से बाहर हुआ था ।
आप को बता दे की कल सोमवार को “नीलेश एम.देसाई, निदेशक, अंतरिक्ष एप्लीकेशन सेंटर-इसरो ने एएनआई को जानकारी दी है की। “23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने से कुछ घंटे पहले हम लैंडर मॉड्यूल की सेहत और चंद्रमा की स्थितियों के आधार पर इस पर निर्णय लेंगे कि उस समय इसे उतारना सही होगा या नहीं। यदि कोई परिस्थिति अनुकूल नहीं लगती, तो हम 27 अगस्त को मॉड्यूल को चंद्रमा पर उतार देंगे।” नीलेश एम.देसाई ANI से आगे कहा की “हम पूरी तरह आश्वस्त है की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए और हम 23 अगस्त को मॉड्यूल को उतारने में सक्षम होंगे’ यह बात उन्होंने अपनी प्रेस विज्ञप्ति मे कही
Chandrayaan 3 Big update चंद्रयान-3 चंद्रयान के बीच संचार स्थापित
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर और चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल अब एक दूसरे के साथ संचार यानि मेसेज का आदान प्रदान कर रहे हैं। इसका मतलब है कि वे दोनों फोन पर बात कर रहे दोस्तों की तरह संदेश को आगे-पीछे भेज सकते हैं। इसरो ने यह बड़ी खबर एक्स नामक प्लेटफॉर्म पर साझा की, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था।
Chandrayaan 3 (चंद्रयान-3) को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। यह चंद्रमा का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किए गए एक विशेष वाहन की तरह है। कल्पना कीजिए कि हमारे देश भारत का अंतरिक्ष यान किसी आज किसी दूसरी दुनिया की साहसिक यात्रा पर जा रही है!
इसरो ने अपने ट्वीट मे लिखा है की चंद्रयान 2 ने कहा, “‘स्वागत है, दोस्त!’ (welcome buddy) Ch-2 ऑर्बिटर ने औपचारिक रूप से Ch-3 LM का स्वागत किया। दोनों के बीच दो-तरफा संचार स्थापित हो गया है। MOX के पास अब LM तक पहुंचने के लिए और अधिक मार्ग हैं।” इसका मतलब है कि ऑर्बिटर और लैंडर आसानी से चैट कर सकते हैं, और MOX (जो उनके मैसेजिंग सिस्टम की तरह है) के पास अब संदेश भेजने के और भी तरीके हैं।
Chandrayaan-3 Mission:
‘Welcome, buddy!’
Ch-2 orbiter formally welcomed Ch-3 LM.Two-way communication between the two is established.
MOX has now more routes to reach the LM.
Update: Live telecast of Landing event begins at 17:20 Hrs. IST.#Chandrayaan_3 #Ch3
— ISRO (@isro) August 21, 2023
सबसे रोमांचक हिस्सा अभी आना बाकी है! जब 23 अगस्त को यानि कल शाम ठीक 6:04 बजे चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के चंद्रमा की सतह पर धीरे से उतरने की उम्मीद है। यह चंद्रमा पर सावधानीपूर्वक उतरने जैसा होगा, ठीक वैसे ही जैसे अंतरिक्ष यात्री फिल्मों में करते हैं।
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Chandrayaan 3 Live telecast कल शाम को होगा सीधा प्रसारण
मित्रों ISRO ने कहा है जो लोग अंतरिक्ष और अन्वेषण के बारे में उत्सुक हैं वे इस अद्भुत घटना को लाइव देख सकते हैं। चंद्रयान 3 का लाइव प्रसारण बुधवार, यानि कल 23 अगस्त को शाम 5:20 बजे शुरू होगा। यह एक भारत के गौरवशाली इतिहास मे ओर एक सुवर्ण पल है हम अपने अंतरिक्ष यान चाँद पर उतरते देखेंगे ।
इसरो का मानना है कि यह पल वाकई महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग एक यादगार क्षण है जो न केवल जिज्ञासा को बढ़ाता है बल्कि हमारे युवाओं के मन में अन्वेषण के लिए जुनून भी जगाता है।” इसका मतलब है कि यह आयोजन युवाओं को अंतरिक्ष की खोज और नई चीजों की खोज में अधिक रुचि दिला सकता है।तो, इस अविश्वसनीय चंद्रमा पर लैंडिंग देखने और अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए तैयार हो जाइए!
Chandrayaan 3 चंद्रयान-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की खोज का मिशन
मित्रों क्या आपने कभी सोचा है कि चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव वैज्ञानिकों के लिए इतना दिलचस्प क्यों है? आइए जानें कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 का मिशन क्यों महत्वपूर्ण है:
चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र, विशेष रूप से दक्षिणी ध्रुव, वैज्ञानिकों के लिए एक विशेष आकर्षण रखते हैं। इन क्षेत्रों में एक अनोखा वातावरण है और ये अलग-अलग चुनौतियाँ पेश करते हैं, यही कारण है कि अतीत में इनका अधिक अन्वेषण नहीं किया गया है। चंद्रमा का दौरा करने वाले अधिकांश अंतरिक्ष यान उसके भूमध्य रेखा के आसपास या उससे थोड़ा उत्तर या दक्षिण में उतरे।
अज्ञात क्षेत्र:
दोस्तों चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र इसकी सतह के बाकी हिस्सों से भिन्न हैं। वे रहस्य में डूबे हुए हैं क्योंकि वे अपनी विशिष्ट विशेषताओं और कठिनाइयों के कारण अज्ञात बने हुए हैं। इसे पृथ्वी पर अज्ञात भूमि की खोज करने जैसा समझें!
चांद पर पानी या बर्फ छाया की खोज :
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को लेकर ISRO के वैज्ञानिकों के उत्साहित होने का एक बड़ा कारण पानी मिलने की संभावना है। कुछ ऐसे क्षेत्र जो स्थायी छाया में हैं (अर्थात् वहां कभी सीधी धूप नहीं दिखती), ISRO के वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां पानी या बर्फ हो सकती है। भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए पानी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे पीने के पानी, ऑक्सीजन और यहां तक कि ईंधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि हमें चंद्रमा पर पानी मिलता है, तो यह अंतरिक्ष की खोज के में एक अहम पहलू होगा ओर चांद पे मानवी जीवन का सपना पूरा होने की दिशा मे पहला कदम होगा ।

चंद्रयान 3 का मिशन:
चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के मिशन पर है। जहां पहले कोई अंतरिक्ष यान नहीं गया, वहां जाकर इसका लक्ष्य इन छायादार क्षेत्रों में छिपे रहस्यों को उजागर करना है। अंतरिक्ष यान का रोवर प्रज्ञान, सतह का पता लगाएगा, डेटा एकत्र करेगा जो हमें चंद्रमा की संरचना, इलाके और चंद्रमा पर पानी या बर्फ के किसी भी संकेत के बारे में अधिक बता सकता है।
इसलिए, चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक की यात्रा पूरी नई दुनिया के लिए दरवाजा खोलने जैसा है। यह एक अंतरिक्ष पहेली को सुलझाने और हमारे आकाशीय पड़ोसी के बारे में रोमांचक प्रश्नों का सुराग ढूंढने का महत्वपूर्ण मिशन है !
चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के बारे में जानकारी
मित्रों हम आज आप को चंद्रयान 3 मिशन के दो महत्वपूर्ण चीजे लैंडर- विक्रम ओर रोवर- प्रज्ञान के बारे में कुछ जानकारी देंगे यह दोनों न केवल भारत के मिशन चंद्रयान के दो प्रमुख खिलाड़ी है बल्कि लैंडर विक्रम हर भारतीय की आस्था ओर श्रद्धा से जुड़ा हुआ है आए विस्तार से जानते है इनके बारे मे :
लैंडर: विक्रम
लैंडर और रोवर के नाम चंद्रयान-2 से प्रेरित हैं। लैंडर का नाम डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है, जिन्हें भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का पिता माना जाता था इसीलिए ऊपर मैने कहा था की लैंडर विक्रम हर हिंदुस्तानी के लिए आस्था ओर श्रद्धा का विषय है ।
लैंडर विक्रम को विशेष रूप से एक चंद्र दिवस पर काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतर सके, इसमें कई सेंसर लगे हैं। लैंडर विक्रम का वजन लगभग 1,749 किलोग्राम है, रोवर प्रज्ञान के वजन सहित ।
विक्रम के दोनों साइड पे सोर पैनल है , जो 738 वाट बिजली का उत्पादन करने में सक्षम है। ये सोर पैनल विक्रम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाने में मदद करेंगे, जो उसका मिशन है।
रोवर: प्रज्ञान :
मित्रों आसान भाषा मे कहे तो रोवर एक रोबोट वाहन की तरह है। मित्रों संस्कृत में ‘प्रज्ञान’ का अर्थ है ‘बुद्धि’ होता है ओर इसीलिए हमारे बुद्धिमान रोवर का नाम प्रज्ञान रहा गया है । जिस संस्कृत को हम ओर आप भूल बैठे है उसी भाषा मे विश्व की नामांकित स्पेस एजेंसी ISRO अपने उपकरणों का नाम रखती है यह है संस्कृत भाषा का महत्व खैर जानते है रोवर प्रज्ञान के बारे मे
छह पहियों वाला यह रोवर प्रज्ञान विशेष पेलोड वाले उपकरणों को ले जाता है। ये पेलोड ऐसे उपकरण की तरह हैं जो चंद्रमा की सतह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। प्रज्ञान की भूमिका डेटा इकट्ठा करना और चंद्रमा की सतह की विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान करना है।
इसलिए, जैसा कि चंद्रयान -3 अपनी यात्रा जारी रखता है, प्रौद्योगिकी के इन दो अविश्वसनीय टुकड़ों – विक्रम और प्रज्ञान पर नज़र रखें। वे चंद्रमा और उसके रहस्यों के बारे में और अधिक जानने में हमारी मदद करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।