न्यू दिल्ली ; International trade fair 2021 का शुभारंभ, केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला का उद्घाटन। इस बार भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की योजना आत्मनिर्भर भारत बनी भारत की थीम । कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए देश मे international trade fair 2021 उत्साह । पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित मिथिला पेंटिंग्स बनी आकर्षण का केंद्र । बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन जी की छत्रछाया मे बिहार दे रहा है ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ पर ज़ोर।
दिल्ली के प्रगति मैदान में इन दिनों चल रहा 40वाँ अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला धूम मचा रहा है जिसका उद्घाटन माननीय केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किया। 14 नवंबर से आरम्भ इस मेले के शुरुआती पाँच दिन बिज़्नेस डे रखे गए थे और शुक्रवार से ये सबके लिए खुल गया है। प्रगति मैदान में पुराने ढांचे को तोड़कर नयी इमारत खड़ी की जा रही है इस कारण इस बार दो साल के अंतराल के बाद ये मेला लगा व विभिन्न राज्यों के मंडप छोटे व एक ही जगह लगे हैं।
मेले का आयोजन हमेशा की तरह 14-27 नवम्बर तक है जिसमें विभिन्न राज्यों, मंत्रालयों व कई देशों ने भाग लिया है।इस बार के मेले की थीम ‘आत्मनिर्भर भारत’ है। मुख्य उद्देश्य भारत में निवेश व रोज़गार को बढ़ावा देना है। साथ ही ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ पर पूरा ज़ोर दिया जा रहा है।
बिहार इस बार मेले का भागीदार राज्य है जिसकी छटा मंडप में घुसते ही नज़र आ जाती है जहाँ एक विशाल मधुबनी पेंटिंग आपका स्वागत करती है। और साथ ही विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित कलाकारों से रू-ब-रू होने का मौक़ा भी मिलता है।
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित मिथिला पेंटिंग्स बनीtrade fair 2021 आकर्षण का केंद्र।

यहाँ हाल ही में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित मिथिला पेंटिंग्स की जानी-मानी कलाकार दुलारी बाई सबके आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इनकी व इनके सहभागियों की जीवंत प्रदर्शनी के माध्यम से हर कोई जान पा रहा है की मिथिला पेंटिंग आख़िर कैसे बनायी जाती है? दुलारी देवी ने मिथिला पेंटिंग के हुनर को सीखने के बारे में बताया की वे इस विधा की प्रख्यात कलाकार कर्पूरी देवी के यहाँ झाड़ू-पोंछा करती थीं और तभी उन्हें अपने अनगढ़ हुनर को मांझने का मौका मिला।
शाहनवाज़ हुसैन जी दे रहे है ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ पर ज़ोर
बिहार मंडप में सींक की खूबसूरत टोकरी व झुमके बनाती राज्य पुरस्कार विजेता मूर्तिदेवी भी मिलेंगी और लाह की चूड़ियाँ बनाते अन्य कलाकार भी।मानो मिनी बिहार यहाँ मौजूद है। बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज़ जी की छत्रछाया में यहाँ के उद्योग नयी इबारत लिख रहे हैं।
झारखंड इस बार फ़ोकस स्टेट है इसलिए यहाँ के कारीगर भी अपने विभिन्न उत्पाद बहुतायत मात्रा में लेकर आए हैं जिसमें रेशम प्रमुख है। मध्य प्रदेश मंडप ‘एक ज़िला एक उत्पाद’ पर ज़ोर देता हुआ भोपाल के कारीगरों की हस्तकला, टीकमगढ़ के पीतल व पत्थर के उत्पाद, रतलाम की सेव और सीधी की पंजा दरी लाया है जिसे लोग काफ़ी सराह रहे हैं।
असम मंडप में मूगा रेशम की साड़ी लोगों को अपनी और आकर्षित कर रही है जिसका दाम 45,000 से शुरू होकर एक लाख रूपये है। पारम्परिक रूप से अपने परिवार के साथ मिलकर इसे बनाने वाले सिबसागर के सोलिन राजखोवा और उनकी पत्नी इस मेले में लाए हैं।उनका कहना है की लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।अपनी मज़बूती के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में मोगा सिल्क की अच्छी मांग है।
हालाँकि विदेशी स्टॉल कम है लेकिन फिर भी दुबई, बांग्लादेश, टर्की जैसे दस देश नज़र आ जाएँगे। जो अपने कशीदाकारी किए सूट, मलमल, रेशम, जरी व रंग-बिरंगे बर्तनों और लैम्प्स के साथ सबका ध्यान खींच रहे हैं।
अंतर्रार्ष्ट्रीय मेले की बात हो और प्रादेशिक लजीज पकवानों की बात ना हो, ये भला कैसे हो सकता है। यहाँ आपको राजस्थानी दाल-बाटी-चूरमा, मावा कचोरी, प्याज़ कचोरी, मध्य प्रदेश का सन्नाटा, महाराष्ट्र का वड़ा पाव, पाव-भाजी, बटाटा-वड़ा, जम्मू-कश्मीर की यखनी, रोगन जोश भी मिलेंगे। इनके अलावा आपको रेग्युलर फ़ूड भी मिलेगा।
trade fair 2021 टिकिट कहा से मिलेगी
ले- आउट अलग होने से कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।कोरोना के दिशा- निर्देशों को ध्यान में रखते हुए सीमित लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है और केवल 65 मेट्रो स्टेशनों पर ही एंट्री टिकट उपलब्ध है। bookmyshow से भी international trade fair 2021 एंट्री टिकट बुक की जा सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग जनों की कोई टिकट नहीं है।किंतु मेले में प्रवेश के लिए मास्क और सनिटीजेर ज़रूरी है। अंतर्राष्ट्रीय मेले का हर साल लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है और इस बार भी होगा। यक़ीनन ये मेला आपको मायूस नहीं करेगा।