हरतालिका तीज 2023: आज देश के सभी राज्यों मे हरतालिका तीज 2023 मनाइ जाएगी आज हम आपको इस धार्मिक महोत्सव की अहमियत और पूजा विधि के बारे में जानकारी देंगे। हरतालिका तीज, सनातन हिन्दू वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है और इसे भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना के रूप में मनाने का विशेष अवसर माना जाता है।
हरतालिका तीज सनातन हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो प्राम्भिक रूप से महाराष्ट्र और पूर्वी भारत के कुछ राज्यों, जैसे कि बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव और पार्वती माता के यग्यवर्धन के रूप में मनाया जाता है और महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। हरतालिका तीज 2023 के शुभ अवसर पर इस त्योहार का महत्व नियम ओर पूजा विधि के बारे मे जानते है
हरतालिका तीज 2023 का महत्व :
1. पार्वती माता का पूजन: हरतालिका तीज को पार्वती माता के पूजन के रूप में मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और पार्वती माता के लिए व्रत करती हैं ताकि वे अपने पति की रक्षा कर सकें और उनके लिए दीर्घायु और सुख-शांति की कामना करती हैं।
2. पुरानी कथा के आधार पर: हरतालिका तीज का महत्व एक प्राचीन कथा के आधार पर भी है। इस कथा के अनुसार, भगवान शिव की पत्नी पार्वती ने अपनी मित्र हरतालिका के साथ मिलकर तीज व्रत रखा था ताकि वह भगवान शिव को प्राप्त कर सके। इस कथा के आधार पर, हरतालिका तीज का व्रत मनाने का परंपरागत तरीका बन गया है।
3. महिलाओं का सामाजिक महत्व: हरतालिका तीज का महत्व महिलाओं के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। इस दिन महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों के साथ एकजुट होती हैं, व्रत करती हैं, और पार्वती माता के लिए पूजा करती हैं। यह उनके समाज में महत्वपूर्ण है और महिलाओं के सामाजिक स्थान को मजबूती देता है।
4. हरतालिका तीज के अवसर पर विशेष खाने: इस दिन विशेष प्रकार के व्रत के खाने, जैसे कि मलपुआ, खीर, गुझिया, और सबुदाने के खिचड़ी बनाए जाते हैं, जो व्रती महिलाओं को प्रसन्न करने के लिए प्रसाद के रूप में बांटे जाते हैं।
सारंगिनी तीज या हरतालिका तीज, महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और धार्मिक त्योहार होता है और यह उनके परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे इस दिन पार्वती माता की कृपा और आशीर्वाद की कामना करती हैं।

हरतालिका तीज 2023 पूजा मुहूर्त:
आज सनातन हिन्दू वैदिक पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज 2023 का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार है:
तीज का तिथि और समय: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 17 सितंबर सुबह 11:08 से प्रारंभ होगी और 18 सितंबर दोपहर 12:39 पर समाप्त होगी।
हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त: प्रातः काल हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त सुबह 6:07 से सुबह 8:34 तक रहेगा।
हरतालिका तीज 2023 शुभ योग:
आज हरतालिका तीज 2023 के दिन चार अत्यंत शुभ योग हैं:
- इंद्र योग: समापन – 19 सितंबर सुबह 04 बजकर 24 मिनट पर
रवि योग: समापन – 19 सितंबर सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर
चित्रा नक्षत्र: समापन – 18 सितंबर दोपहर 12 बजकर 08 मिनट पर
स्वाति नक्षत्र: प्रारंभ – 18 सितंबर दोपहर 12 बजकर 08 मिनट पर
हरतालिका तीज 2023 व्रत के मुख्य नियम :
1. स्नान श्रृंगार: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और ध्यान करें। इससे मानसिक शुद्धि होती है और आप ध्यान में भागीदार हो सकते हैं। नए वस्त्र पहनें और श्रृंगार करें। शुभ मुहूर्त में दीपक जलाएं और हरतालिका तीज व्रत का संकल्प लें।
2. उपवास (व्रत का अनुष्ठान): हरतालिका तीज व्रत के दिन उपवास रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। उपवास का मतलब होता है कि व्रती को दिन भर बिना अनाजी और फलाहारी आहार के रहना चाहिए।
3. पूजा: व्रत के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों की पूजा करनी चाहिए। पूजा के समय, धूप, दीप, चादर, फूल, और नैवेद्य (आहार) की वस्तुओं का उपयोग कर सकते हैं। इस दिन ‘ॐ उमायै नमः’ मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें
4. व्रत का संकल्प: व्रती को व्रत का संकल्प लेना चाहिए, जिसमें वह यह प्रतिज्ञा करता है कि वह पूरे मन से व्रत का पालन करेगा और व्रत का तोड़ने के लिए समय आए तो व्रत को सही तरीके से तोड़ेगा।
4. व्रत की कथा सुनना: हरतालिका तीज व्रत के दिन व्रती को हरतालिका कथा की सुनाई जाती है, जिसमें माता पार्वती और भगवान शिव की कथा होती है। इसके माध्यम से व्रती इनके महत्वपूर्ण गुणों को समझते हैं और उनका आदर करते हैं।
5. दान और चारित्रिकता: हरतालिका तीज व्रत के दिन दान करना भी महत्वपूर्ण होता है। व्रती अन्य व्रतियों और गरीबों को भोजन, वस्त्र, धन, और आवश्यक वस्त्रादि देते हैं। इसके साथ ही, व्रती को अच्छा चारित्र बनाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि व्रत का महत्व और साक्षर योग्यता की दिशा में बढ़ सके। उमीद है है आज आप हरतालिका तीज 2023 के अवसर पर इन नियमों का पालन करेंगी ।
हरतालिका तीज 2023 पूजा विधि
हरतालिका तीज पूजा को ध्यानपूर्वक और भक्ति भाव से करने के लिए निम्नलिखित पूजा विधि का पालन किया जा सकता है:
पूजा सामग्री
1. माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियाँ या फोटो
2. दीपक (घी या सरसों का तेल के साथ)
3. अगरबत्ती और धूप
4. सुगंधित धूप और धूपबत्ती
5. चंदन का तिलक और कुमकुम
6. फूल, 5 फल, और पूजा के सामग्री (चादर, पुष्प, नैवेद्य, पुष्पमाला)
7. पूजा के लिए कपड़े
8. पूजा स्थल को सजाने के लिए श्रृंगारिक सामग्री (मिरर, कुछ खिलौने, आदि)
9. कलश (एक बड़ा प्याला)
10. पूजा के लिए जल, गंगाजल या साफ पानी
11. रुई और बत्ती
हरतालिका तीज 2023 पूजा ऐसे करे
1. पूजा स्थल की सजावट: पूजा स्थल को सजाने के लिए श्रृंगारिक सामग्री का उपयोग करें। पूजा स्थल को साफ़ करें और एक पार्टिशन या तिलक का स्थान तैयार करें जहां पूजा की जाएगी। उपयुक्त होगा यदि आप अपने घर स्थित भगवान घर जीसे हम देव घर कहते है वही पूजा करे यदि जगह की कमी हो तो अन्य उचित स्थान पर का चयन करे
2. मूर्तियों की स्थापना: माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों को पूजा स्थल पर स्थापित करें। हमारे महाराष्ट्र की सनातनी बहने रेत से शिव जी मूर्ति बनाए अपने प्रथा नुसार । मूर्ति स्थापित करते ही शिव जी के चरणों मे नमस्कार अर्पित करे ‘ॐ उमायै नमः’ मंत्र का जाप करे
3. कलश स्थापना: कलश को पूजा स्थल पर स्थापित करें। कलश को जल से भरें और उसके मुख को एक छोटी रुई या बत्ती से ढक दें। कलश पर कुमकुम अर्पित करे
4. पूजा का आरंभ: श्रृंगारिक सामग्री का उपयोग करके माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों को सिंदूर, चंदन, कुमकुम, और फूलों से अर्चना करें।
5. दीप जलाना: एक दीपक को घी या सरसों के तेल के साथ जलाएं। दीपक को जलाते ही माँ पार्वती ओर शिव जी को फिर से प्रणाम करे
6. आरती: माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों के आगे आरती करें कम से कम 5 आरती का गुणगान करे यदि आप को नहीं आती तो किताब या हमारी वेबसाईट से पढे ।
7. पुष्प अर्चना: फूलों और पुष्पमाला का उपयोग करके पूजा करें। यदि संभव हो तो सफेद प्रजकता के फूल शिव जी के चरणों मे अर्पित करे शिव जी ओर सफेद फूलों का एक अलग महत्व है ।
8. प्रार्थना और मन्त्र: माता पार्वती और भगवान शिव के दिव्य मंत्रों का जाप करें ‘ॐ उमायै नमः’ मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें और उनसे आशीर्वाद मांगें।
9. नैवेद्य: माता पार्वती और भगवान शिव को नैवेद्य चढ़ाएं। नैवेद्य के तोर पर आप मिठाइ या उपवास की बनी हुई शबुड़ाना खिचड़ी आदि का उपयोग कर सकती है ।
10. पूजा का समापन: पूजा का समापन करने के बाद प्रार्थना करें कि माता पार्वती और भगवान शिव आपके व्रत को स्वीकार करें और आपको सौभाग्य और सुख प्रदान करें। उमापति महादेव का जयकारा लगाए साथ ही केदार नाथ भगवान का जयकारा लगाए इस तरीके से, आप हरतालिका तीज 2023 पूजा सम्पन्न हुई ।
आप सभी बहनों को आज हरतालिका तीज 2023 के इस पावन पूजा के लिए हार्दिक शुभकामनाए बोलो उमापति महादेव की जय । बोलो केदारनाथ महाराज की जय । सियावर राम चंद्र की जय । पवन सूत हनुमान की जय । बोलो रे भाइ सब संतन की जय सनातन हिन्दू धर्म की जय ।