घुटने का दर्द एक दर्दनाक सच होता है मित्रों घुटने हमारे शरीर के सबसे अहम हिस्सों में से एक होते हैं जो हमें चलने, दौड़ने और बैठने जैसे दैनिक कार्यों के लिए सक्षम बनाते हैं। लेकिन, अक्सर लोगों को उम्र के साथ-साथ घुटनों के दर्द की समस्या होती है। यह दर्द बहुत ही असहनीय होता है और इससे बचने के लिए लोग विभिन्न उपाय अपनाते हैं। इनमें से एक है घुटनों के दर्द की टेबलेट का सेवन करना। इस लेख में, हम घुटने का दर्द उपाय आयुर्वेदिक ओर घुटनों के दर्द के लिए आहार के बारे में बात करेंगे जो आपको दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकती है।
घुटनों के दर्द के कारण
घुटने का दर्द आमतौर पर उम्र बढ़ने और गलत शारीरिक ढंग से आने वाले जोड़ों और उपयोग किए जाने वाले जूतों के कारण होता है। इसमें एक तरह की कमजोरी व तनाव और दूसरी बीमारी शामिल होती है। मित्रों घटने के दर्द के 6 मुख्य कारण कुछ इस प्रकार है
- अधिक उम्र
- ऑस्टियोआर्थराइटिस
- घुटनों के अस्थिर होने की समस्या
- घुटनों के टूटने या चोट लगने की समस्या
- खून की अधिक थकान
- अधिक वजन
मित्रों आम तोर पर आलोपथी मे घुटने का दर्द का इलाज सटीक ऐसा इलाज नहीं है, इसके लिए ऑपरेशन एकमात्र इलाज रहता है ।मित्रों आयुर्वेदिक उपचार काफी सटीक होता है ओर इसके साइड इफेक्ट नहीं होते अगर आप भी घुटने के दर्द से पीड़ित हैं, तो आज हम आप को घुटने का दर्द उपाय मे कुछ ऐसे आयुर्वेदिक बताएंगे जिससे आप को असाह्य वेदना से मुक्ति मिलेगी
घुटने का दर्द से राहत के लिए आयुर्वेदिक सरसों के तेल से मालिश
आमतौर पर, घुटने के दर्द के लिए सरसों का तेल एक उपयोगी आयुर्वेदिक घरेलू उपचार है। सरसों का तेल एक समृद्ध तेल है जिसमें विभिन्न पोषक तत्व शामिल होते हैं जैसे कि ओमेगा-3 फैटी एसिड, लिनोलेनिक एसिड, विटामिन ई, विटामिन क और एंटीऑक्सिडेंट। ये तत्व दर्द को कम करने में मदद करते हैं और जोड़ों के दर्द को दूर करने में सक्षम होते हैं।
सरसों का तेल एक बहुत सस्ता और आसानी से उपलब्ध तेल है जो आपको स्थानीय दवाई की दुकान से या ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। इसे अन्य औषधियों और प्राकृतिक तत्वों के साथ मिश्रित करने से उसके लाभ बढ़ सकते हैं।
सरसों का तेल दर्द कम करने के लिए मालिश के लिए उपयोग किया जाता है। आप इसे समुद्री नमक के साथ मिला सकते हैं जो दर्द को कम करने में अधिक सहायक होता है। इसके लिए, थोड़ा सा सरसों का तेल लें और उसमें थोड़ा सा समुद्री नमक मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं और फिर घुटने की जोड़ पर मलिश करें। आप इसे दो बार या तीन बार प्रतिदिन कर सकते हैं। अगर आपका दर्द अधिक है, तो आप इसे दोपहर और रात को भी कर सकते हैं। समुद्री नमक घुटने के दर्द में अधिक लाभप्रद होता है क्योंकि इसमें अनेक पोषक तत्व शामिल होते हैं जो घुटने की जोड़ के लिए फायदेमंद होते हैं।
अगर आपको सरसों के तेल में समुद्री नमक मिलाने से परहेज है तो आप इसे सीधे सरसों के तेल से भी कर सकते हैं। बस थोड़ा सा सरसों के तेल लें और उसे अच्छी तरह से घुटनों पर मलिश करें। यदि आप इसे अधिक लाभप्रद बनाना चाहते हैं, तो आप इसे हल्के हाथों से गर्म कर सकते हैं। गर्म तेल की मालिश घुटने के दर्द में जल्दी से राहत दिलाती है।
एक और उपाय है कि आप सरसों के तेल में हल्दी मिलाकर भी इसका उपयोग कर सकते हैं। हल्दी दर्द को कम करने में बहुत उपयोगी होती है सरसों के तेल में हल्दी मिलाकर इसका उपयोग करने के लिए, पहले सरसों के तेल को थोड़ी गरम करें। फिर उसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाएं और अच्छी तरह से मिलाएं। इस मिश्रण को दर्द वाली जगह पर थोड़ी मात्रा में मालिश करें।

आप इसमें अलसी, नींबू रस, या अन्य प्राकृतिक तत्वों को भी मिला सकते हैं जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं। हालांकि, इससे पहले आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, खासकर अगर आपको लंबे समय तक दर्द रहता है।
सरसों के तेल की मालिश करने की आवश्यकता व्यक्ति के दर्द की स्थिति पर निर्भर करती है। यदि आपके दर्द अधिक है, तो आप इसे दिन में 3 से 4 बार करे, यदि आपके दर्द कम है, तो आप इसे सुबह ओर रात सोने से पहेले जरूर करे ।इसके अलावा, आप अधिक से अधिक प्राकृतिक दर्द निवारक खाद्य पदार्थों का सेवन करने का प्रयास कर सकते हैं, जैसे कि हल्दी, अलसी और समुद्री नमक।
मित्रों दर्द से राहत के लिए सरसों के तेल की मालिश तुरंत राहत नहीं देती है। इसके लिए नियमित रूप से और धैर्यपूर्वक इसे करना आवश्यक होता है। लेकिन 2-3 महीने बाद आपको दर्द में कमी महसूस होगी।
घुटने का दर्द उपाय आयुर्वेदिक मे असरदार ओर प्राकृतिक दवा गुग्गुल
गुग्गुल एक प्राकृतिक उत्पाद है जो गुग्गुल गुम (Commiphora mukul) पेड़ से प्राप्त किया जाता है। यह भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में पाया जाता है। गुग्गुल अनेक चिकित्सीय गुणों से भरपूर होता है जो इसे एक शक्तिशाली औषधि बनाते हैं।इसे जड़ों के दर्द और स्थिरता को कम करने के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
गुग्गुल के उपयोग में मुख्य तत्व गुग्गुलस्टेरों होते हैं, जो इसके उपचारी गुणों के जिम्मेदार होते हैं। गुग्गुल का उपयोग अधिकतर अर्थराइटिस जैसी घुटने का दर्द की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर जोड़ों के दर्द और स्थिरता को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट होता है जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है।

गुग्गुल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर के अंदर जमा हुए जहरीले तत्वों को हटाने में मदद करता है। इससे आपके जोड़ों को आराम मिलता है और घुटने का दर्द कम होता है। गुग्गुल एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेट्री एजेंट होता है जो जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है।घुटने का दर्द के साथ गुग्गुल में उपस्थित गुग्गुलस्टेरों का उपयोग कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इससे आपकी दिल की सेहत सुधारती है और दिल संबंधी समस्याओं से बचाव होता है। गुग्गुल खाने से मधुमेह के मरीजों को भी फायदा होता है, क्योंकि इसके उपयोग से इंसुलिन और ग्लूकोज के स्तर को संतुलित रखा ।
गुग्गुल के उपयोग से जोड़ों के दर्द का इलाज करने के लिए व्यक्ति को इसे सही ढंग से उपयोग करना चाहिए। आमतौर पर, गुग्गुल दवा के रूप में उपलब्ध होता है और इसे आपके चिकित्सक द्वारा सलाह दी जाती है।अधिकतर मामलों में, दवा गोलियों के रूप में ली जाती है और हर गोली में स्थानिक रूप से प्राकृतिक गुग्गुल उत्पादों का मात्रा शामिल होता है। गोलियों की मात्रा और अवधि आपके चिकित्सक द्वारा निर्धारित की जाती है।
गुग्गुल दवा का अन्य प्रकर्तिक रूप भी उपलब्ध होता है, मित्रों खास कर घुटने का दर्द उपाय आयुर्वेदिक करने के लिए आप गुग्गुल 4 अलग तरीके से उपयोग कर सकते है जिससे आप को जोड़ों के दर्द मे आराम मिलेगा
- गुग्गुल सप्लीमेंट
- गुग्गुल के तेल का इस्तेमाल
- गुग्गुल का चूर्ण
- गुग्गुल धूप
1. गुग्गुल सप्लीमेंट
गुग्गुल सप्लीमेंट एक प्रकार का आहार सप्लीमेंट होता है जो गुग्गुल के प्राकृतिक गुणों को प्राप्त करने में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर में दुर्लभ मिनरल्स की आपूर्ति करता है जो एक स्वस्थ जोड़ों और हड्डियों के लिए आवश्यक होते हैं। वैसे तो बाजार मे हजारों सप्लमेन्ट उपलब्ध है लेकिन मै आप को 4 गुग्गुल सप्लीमेंट बताऊँगा जो आपके घुटने का दर्द कम करेंगे
गुग्गुल एक्सट्रैक्ट: गुग्गुल एक्सट्रैक्ट कैप्सूल या तरल रूप में उपलब्ध होता है। यह उपलब्धता के अनुसार और अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार लिया जा सकता है। आमतौर पर, गुग्गुल एक्सट्रैक्ट कैप्सूल को भोजन के साथ ली जाती है।
गुग्गुलिपिड: गुग्गुलिपिड कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होता है और उपयोग के लिए व्यक्तिगत और चिकित्सक द्वारा निर्धारित मात्रा के अनुसार लिया जाना चाहिए।
गुग्गुल सुप्रीम: गुग्गुल सुप्रीम कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होता है जो दिन में दो बार भोजन के साथ ली जाती है।
गुग्गुल रेसिन: गुग्गुल रेसिन उपलब्ध होता है जो खाने के साथ लिया जाता है। आमतौर पर, यह एक छोटी मात्रा होती है जो स्वाद को बढ़ाने के लिए अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाई जाती है।
गुग्गुल सप्लीमेंट में असली गुग्गुल एक्टिव कंपोनेंट, गुग्गुलस्टेरों, शामिल होते हैं जो शरीर के जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो फ्री रेडिकल्स के विरुद्ध लड़ने में मदद करते हैं और स्वस्थ इम्यून सिस्टम को संरक्षित रखते हैं। इसके अलावा गुग्गुल सप्लीमेंट शरीर के लिए अन्य फायदे भी प्रदान करता है जैसे शरीर की मेटाबॉलिज्म को बढ़ाना, शरीर के तैराकी ग्लूकोज के स्तर को कम करना और लिपिड प्रोफाइल को संतुलित रखना।
2. गुग्गुल का चूर्ण कैसे खाए
घुटने का दर्द आयुर्वेदिक उपाय के तोर पर आप गुग्गुल का चूर्ण का भी उपयोग कर सकते है । बैद्यनाथ पतंजलि सहित अन्य आयुर्वेदिक ब्रांड गुग्गुल का चूर्ण का निर्माण करते है बेहतर होगा की आप डॉक्टर की सलाह नुसार इसे ले मगर आयुर्वेदिक दवा की एक खूबी यह है की इसके दुष्परिणाम नहीं होते । गुग्गुल का चूर्ण खाने का तरीका कुछ इस प्रकार है
- सामान्यतया, 500 मिलीग्राम से 1 ग्राम तक की मात्रा में दिन में 2-3 बार गुग्गुल का चूर्ण लेना उचित होता है।
- चूर्ण को एक चम्मच मधु के साथ लेना लाभदायक हो सकता है।
- चूर्ण को एक गिलास दूध या पानी के साथ लेना भी अच्छा होता है।
- चूर्ण को सुबह खाली पेट या भोजन के बाद लेना सही होता है।
इसके अलावा, गुग्गुल के चूर्ण की गुणवत्ता बेहद महत्वपूर्ण होती है। इसलिए, बाजार में उपलब्ध उत्पादों की जाँच करने और एक प्रतिष्ठित उत्पादक से उत्पाद खरीदने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श लेना उचित होगा।
3. गुग्गुल के तेल का इस्तेमाल
गुग्गुल के तेल को घुटने का दर्द के लिए भी उपयोग कर सकते है जो लोग उपर दिए सरसों का तेल से मालिश नहीं कर सकते उनके लिए गुग्गुल के तेल की मालिश एक अतिरिक्त विकल्प है हाला की रोज गुग्गुल के तेल की मालिश थोड़ी महेंगी साबित होती है लेकिन यह सरसों के तेल से जादा ईफेक्टिव होती है मालिश करने का तरीका कुछ इस प्रकार है
- सबसे पहले, गुग्गुल तेल की थोड़ी सी मात्रा को हाथों पर लें।
- इसके बाद, इस तेल को जोड़ों की जगहों पर लगाएं और मालिश करें।
- मालिश के बाद, गुग्गुल तेल को 30-60 मिनट तक जोड़ों पर रखने दें और इसे साबुन या पानी से नहाएं।
- आमतौर पर, इसे दिन में 2-3 बार लगाया जाता है।
घुटने का दर्द में गुग्गुल तेल का नियमित इस्तेमाल करने से कुछ हफ्तों में ही लाभ मिलना शुरू हो जाता है। यह लाभ अलग-अलग व्यक्ति के दर्द की गंभीरता और दवाओं के साथ गुग्गुल तेल का संयोग आदि पर निर्भर करता है। हालांकि, आमतौर पर 2-3 हफ्तों में लाभ दिखने लगता है।
4. गुग्गुल धूप
गुग्गुल धूप लगाना एक प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है, जो जोड़ों के दर्द, स्वस्थ श्वसन प्रणाली और मन को शांति देने में मदद करती है। इसे गुग्गुल के रूप में जाना जाता है, जो भारतीय मूल का प्राकृतिक समग्र होता है। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो इसे जोड़ों के दर्द में उपयोगी बनाते हैं।
गुग्गुल धूप लगाने के लिए, आप एक धूपदान लें जिसमें चारकोल रखा जाता है। चारकोल को जलाकर इसे जला दें ताकि वह धुंआ निकालें। इसके बाद, आप एक छोटे से गुग्गुल रसायन को धूपदान में डालें और इसे भी आग पर रख दें। जब धूप जलेगा, तब वह धुंआ उत्पन्न करेगा, जो आपके घर के आस-पास के हवा में फैल जाएगा।
आप गुग्गुल धूप को दिन में कितनी बार भी लगा सकते है, यह आपकी आवश्यकताओं और इसके उपयोग के अनुसार निर्भर करता है। आमतौर पर, आप इसे एक या दो बार लगाया जाता है खास कर पूजा के वक्त.
प्राकृतिक औषधि के रूप अश्वगंधा :
अश्वगंधा को एक प्राकृतिक औषधि के रूप में जाना जाता है जो आयुर्वेदिक उपचार में उपयोगी है। इसे पुराने युग से जाना जाता है और यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। अश्वगंधा में कई औषधीय गुण होते हैं जो इसे एक लोकप्रिय जड़ी बूटी बनाते हैं।
अश्वगंधा में पाये जाने वाले गुणों में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इन्फ्लामेटरी, और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके अलावा, यह स्ट्रेस और अवसाद को कम करने में भी मदद करता है। अश्वगंधा शरीर में संतुलित हार्मोन लेवल को बनाए रखने में भी मदद करता है।
अश्वगंधा अर्थराइटिस के लिए एक असरदार दवा हो सकता है। इसे लेने से दर्द और स्वेलिंग में कमी होती है। इसके अलावा, यह घुटने का दर्द संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है जैसे कि गठिया, जोड़ों का दर्द, और स्किंड्रॉफ से राहत प्रदान करता है।
घुटने के दर्द की दवा गोग्रीता
गोग्रीता एक आयुर्वेदिक औषधि है जो गोमूत्र, देसी घी और धातु के मिश्रण से बनती है। इस दवा का उपयोग घुटने के दर्द, जोड़ों के दर्द और अन्य संबंधित समस्याओं के लिए किया जाता है। गोग्रीता भारतीय पद्धति आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली दवाओं में से एक है जो प्राकृतिक तत्वों से बनी होती है।
गोग्रीता को घुटनों में दर्द के लिए असरदार माना जाता है क्योंकि इसमें विभिन्न तत्व होते हैं जो घुटनों के संरचना को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इस दवा में शुद्ध घी, गोमूत्र, शंखधातु और अन्य प्राकृतिक उत्पाद होते हैं जो शरीर को फायदे पहुंचाने में मदद करते हैं।
गोग्रीता के उपयोग से न केवल घुटने के दर्द कम होता है, बल्कि यह जोड़ों के दर्द, स्तंभन दोष, स्किंडलोसिस, लंबे समय तक चलने वाले दर्द, जोड़ों के सूजन, रेव्यूमैटॉइड आर्थराइटिस जैसी अन्य रोगों को भी ठीक करने में मदद करता है
गोग्रीता को दिन में दो बार लेना चाहिए, एक बार सुबह और एक बार शाम को। इसे लेने का सरल तरीका है कि आप एक चम्मच गोग्रीता को एक कप गुनगुने पानी में मिलाएं और उसे खाली पेट पी लें।
इसके प्रभाव का आकलन करना असामान्य होता है क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति पर भी निर्भर करता है। हालांकि, बहुत से लोग इसके उपयोग से गठिया या घुटने के दर्द में कमी का अनुभव करते हैं। अधिकतम लाभ के लिए, आपको इस दवा को नियमित रूप से कुछ हफ्तों तक लेना होगा। आमतौर पर, गोग्रीता का उपयोग लगभग 4-6 सप्ताह तक किया जाता है।
घुटने का दर्द के लिए आयुर्वेदिक दवा एकलक्त
एकलक्त एक प्रमुख आयुर्वेदिक दवा है जो भारतीय पद्धति में उपयोग की जाती है। इस दवा का उपयोग पूर्ण रूप से घुटने के दर्द में किया जाता है और यह अन्य रोगों जैसे अर्थराइटिस, गठिया, संधिवात, और रक्तशोधक दवाओं के लिए भी उपयुक्त होती है।
एकलक्त दवा की मुख्य घटक महुआ, मदार, सोन्ठ, अरंडी, अजवायन, हिंग, सौंठ, दिल्लीची, लोबान, चंदन, श्रेष्ठ पुष्प, और गुग्गुल होते हैं। यह घटक एक संतुलित मिश्रण के रूप में काम करते हैं और घुटनों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह दवा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है जो अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करती है।
एकलक्त दवा को सीधे उपयोग करने से पहले, आपको अपने चिकित्सक से अपनी रोग के लिए सही खुराक और उपयोग के तरीके का निर्धारण करना चाहिए। आमतौर पर, यह दवा मुख्य रूप से घुटने के दर्द के लिए प्रयोग की जाती है, लेकिन अन्य रोगों में भी उपयोग किया जा सकता है। इसलिए, अपने चिकित्सक से अपनी स्थिति के आधार पर सही खुराक और उपयोग के तरीके के बारे में परामर्श लेना बेहद जरूरी है।
एकलक्त दवा के उपयोग से संबंधित कुछ संभावित दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जैसे कि नींद, जी मिचलाना, त्वचा में खुजली, और पेट में असुविधा। यदि आपको ये या किसी अन्य दुष्प्रभाव महसूस होते हैं, तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
घुटने का दर्द के लिए विशेष आहार :
घुटने का दर्द उपाय के तौर पर आयुर्वेदिक ओर आलोपथ्य दोनों मे कुछ विशेष आहार आपके खाने में होने चाहिए जो उच्च विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर आहार होना चाहिए जो आपके हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करता है ओर दर्द से राहत देते है। निम्नलिखित आहार आपके घुटने के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं:
- कैल्शियम से भरपूर आहार: कैल्शियम हड्डियों और जोड़ों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। दूध, दही, पनीर, ब्रोकोली, बादाम आदि कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ होते हैं।
- विटामिन डी से भरपूर आहार: विटामिन डी भी हड्डियों और जोड़ों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। सूरज की किरणों से विटामिन डी बनता है। आप मशरूम, संतरे आदि में विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं। विटामिन डी के आहार कमी लक्षण पर मैने इस वेबसाईट पर विशेष लेख लिखा है जो आप को घुटने का दर्द मे राहत देने मे ओर अपनी आहार योजना मे फायदा दे सकती है इस लिंक पर क्लिक करके इसे जरूर पढे
- प्रोटीन से भरपूर आहार: प्रोटीन पनीर, सोयसबीन, दूध, दही, दाल आदि में पाया जाता है। यह घुटने के दर्द में लगी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- ऑमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार: ऑमेगा-3 फैटी एसिड संतरे, बीज, नट्स आदि में पाया जाता है। यह आपके शरीर के अंगों के जोड़ों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। घुटने का दर्द आयुर्वेदिक उपाय मे ओमेगा 3 फैटी एसिड आहार लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है
- फल और सब्जियां: फल और सब्जियां भी अपने शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वे आपको विटामिन, मिनरल और फाइबर प्रदान करते हैं। काली फल, गोभी, स्पिनेच, लहसुन आदि आपके आहार में शामिल होने चाहिए।
- ग्रीन टी : हरी चाय एक उत्कृष्ट विभिन्नता होती है, जो बहुत सारे फायदे प्रदान करती है। यह शरीर के जोड़ों को सुचारू रूप से काम करने में मदद कर सकती है और घुटने का दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
आपके खाद्य पदार्थ के साथ-साथ आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि आपके शरीर से उष्णता वस्तुओं को दूर करने में मदद मिले। इसके अलावा आपको ध्यान देना चाहिए कि अधिक तेल और मसालेदार पदार्थ रोज न खाए । तो मित्रों ये थी घुटने का दर्द उपाय आयुर्वेदिक आप को ये लेख कैसा लगा ओर इन उपाय को आजमाने के बाद आप के घुटने का दर्द कितना कम हुआ ये कमेन्ट कर आवश्य बताए । आप के अच्छे सवास्थ के के लिए शुभकामनाए
घुटने का दर्द उपाय आयुर्वेदिक अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1 क्या योग घुटने के दर्द में मदद कर सकता है?
जी हाँ योग घुटने के दर्द में मदद करता है। कुछ योगासन हैं जो घुटने के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। योग के साथ ध्यान भी बहुत उपयोगी होता है जो दर्द को कम करने में मदद करता है। कुछ योगासन जैसे कि उत्तानासन, वज्रासन, भुजंगासन, ट्रायकोणासन और मलासन घुटने के दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
2 क्या अपने वजन कम करना घुटने के दर्द को कम करने में मदद करता है?
हां, अपने वजन को कम करना घुटने के दर्द को कम करने में मदद करता है। ज्यादा वजन उठाने से घुटनों पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे दर्द होता है। वजन कम करने से घुटने के दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
3 क्या मसाज करना घुटने के दर्द को कम करने में मदद करता है?
हां, मसाज करना घुटने के दर्द को कम करने में मदद करता है। मसाज से घुटनों के मांसपेशियों को ढीला करने मे मदत करती जिससे दर्द कम होता है। आप घुटनों को हल्के हाथों से सिर्फ 5 से 10 मिनट के लिए मसाज कर सकते हैं। आप घुटनों के चारों ओर के मांसपेशियों को घुमा सकते हैं या फिर अधिक गहराई से मसाज करने के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
Bhola movie release आज रामनवमी के अवसर पर अजय देवगन की फिल्म भोला