गणेश जी की आरती हिंदी मे 5 Soulful Ganesh Ji ki Aarti in english

क्या आप की गणेशोत्‍सव 2023 की सारी तयारी हुई लेकिन गणेश जी की आरती नहीं आती तो घबराए नहीं आज हम आप आप को श्री गणेश जी के आशीर्वाद पाने के लिए 5 भावपूर्ण गणेश जी की आरती बोल अर्थ के साथ यंहा देंगे । जो आ[प को इस गणेश चतुर्थी 2023 मे अंधकार से उजाले की ओर लेकर जाएंगे मित्रों लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 19वीं सदी के अंत में, 1890 के दशक में गणेश चतुर्थी को राष्ट्रीयता का प्रतीक बनाया था आज गणेशोत्‍सव 2023 विश्व के 56 देश मे मनाया जता है इसीलिए विदेश मे जो भाइ हिंदी नहीं पढ़ सकते है उनके लिए Ganesh Ji ki Aarti का इंग्लिश अनुवाद भी हम देंगे । 

मित्रों सनातन हिन्दू धर्म मे श्री गणेश जी को आराध्य दैवत माना गया है जो बुद्धि ओर ज्ञान का प्रतीक तो है ही साथ ही श्री गणेश जी को विघ्नहरता कहा जाता है जो आप के सारे विघ्न यानि दुख दर्द बाधा का निवारण करते है । मित्रों हिंदू पूजा में गणेश जी की आरती का विशेष महत्व है, जिसमें आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दोनों महत्व शामिल हैं  आगे बढ़ने पहेले जानते है गणेश जी की आरती का महत्व 

भक्ति और श्रद्धा:आरती हिंदू संस्कृति और विरासत का एक अभिन्न अंग है। गणेश जी की आरती भक्ति ओर श्रद्धा का ऐसा मिलाप है जो आत्मा को परमात्मा से आध्यात्मिक मिलाप करता है ।गणेश जी की आरती गाना या सुनाना भावनात्मक रूप से रोचक होता है, जो भक्तों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने, सांत्वना पाने और आंतरिक शांति पाने के लिए एक अवसर  प्रदान करता है। गणेश जी की आरती गणेश जी की प्रति आभार तथा याचना का भक्तिमय मार्ग है । 

गणेश जी की फोटो
गणेश जी की फोटो

आध्यात्मिक संबंध:मित्रों गणेश जी की आरती पूजा के दौरान आध्यात्मिक माहौल बनाती है। लयबद्ध जप या गायन, आरती मे जलते दीपक साथ, भक्तों को ध्यान की स्थिति में प्रवेश करने और परमात्मा के साथ गहरा संबंध स्थापित करने में मदद करता है। गणेश जी की आरती के दौरान जलते हुए दीपक को लहराने का कार्य किसी के जीवन से अंधकार को दूर करने और प्रकाश, सकारात्मकता और आशीर्वाद के प्रसार का प्रतीक है।

यह अज्ञान को दूर करने और ज्ञान और सत्य की खोज का प्रतिनिधित्व करता है। मित्रों जैसा की मैने शुरू मे कहा है श्री गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है ऐसे मे खास कर परेशानी ओर उदास मन स्थिति मे जब आप सुरों के लयबद्ध तरीके गणेश जी की आरती गाते हो तो आप के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा प्रज्वलित होती है । 

 शुद्धिकरण: आरती में अक्सर धूप ओर कपूर का उपयोग शामिल होता है,  इससे वातावरण  शुद्ध होता हैं।  सुगंधित धुआं नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है और देवता के साथ संवाद के लिए एक पवित्र स्थान बनाता है। सनातन हिन्दू धर्म में, कपूर का उपयोग अक्सर आरती के दौरान देवता को प्रसाद के रूप में किया जाता है। कपूर जलाने की क्रिया देवता को प्रकाश और पवित्रता की पेशकश का प्रतीक है।

यह अंधकार और अज्ञान को दूर करने और दिव्य प्रकाश की उपस्थिति अद्भुत आनंद प्रदान करती है।खास कर गणेश जी की आरती की बात करे तो गणेशोत्‍सव एक सामाजिक त्योहार है इसे हर गली मोहल्ले मे व्यापक तोर से मनाया जता है जिससे घर के अंदर ही नहीं बाल्कि समजीक स्थर पर बाहर भी शुद्धिकरन होता है

 मित्रों  कपूर का आयुर्वेद मे भी काफी महत्व है इसके आऊषाधि लाभ है । गणेश जी की आरती के दौरान जलते हुए कपूर के धुएं को श्वसन मार्ग से अंदर लेने से श्वसन मार्गों पर अच्छा  प्रभाव पड़ता है। जिससे खांसी और सर्दी जैसी छोटी  समस्याओं से राहत मिलती है। कई लोगों को कपूर की खुशबू सुखदायक लगती है इससे प्रसनता का आढ़भूत आनंद मिलता है ।

एकजुटता और परंपरा: मित्रों जैसा की मैने शुरू मे कहा था 1890 के दशक में सार्वजनिक गणेश चतुर्थी मना कर लोकमान्य तिलक जी ने इसे अंग्रेजों के खिलाफ एकजुटता का मंच बनाया था गणेशोत्‍सव आज भी एकजुटता का प्रतीक है ऐसे मे गणेश जी की आरती युवा शक्ति को धर्म के आधार पर एक लाती है ओर एकजुट युवा शक्ति मे ऊर्जा भरने का काम गणेश की आरती करती है 

तो आए देखते है ऐसे 5 जय गणेश जी आरती जीसे आप भी याद कर धर्म आध्यात्म ओर एकजुटता से जुड़ जाए जो आप के जीवन मे दुख का अंधेरा हटाके के आनंद का दिया प्रज्वलित करे । 

गणेश जी की फोटो
गणेश जी की फोटो

1. गणेश जी की आरती जय गणेश, जय गणेश देवा

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी,
माथे पर टिलक सोहे, मूशक की सवारी॥

माते की सुण्द बोले, शुभ दिन होवे सारे,
गणेशा ले हर्षित मानी, देवी पार्वती का प्यारे॥

अंधन को आंख देत, कोड़िन को काया,
बांस की चरी, अम्बर कोठरी, राठ का दमरा॥

लालचंदन की उटी, कुमकुम भरे केशरा,
हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बारा,
रणहुंदटि नृप चरनि गहगारी॥

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

शेंदुर लाल चढ़ायो, अच्छा गजमुख को,
दोंदिल लाल बिराजे सूत गौरीहर को॥

हाथ लिए गुड़ लड्डू, साई सुरवर को,
महिमा कहे ना जाय लगत हूँ पद को॥

जय जय जय जय जय,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता॥
जय देव जय देव॥

अष्ट सिद्धि दासी, संकट को बैरी,
विघ्न विनाशन मंगल मूर्ति अधिकारी।
कोटि सूर्य प्रकाश ऐसे छबी तेरी,
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहारी॥

जय जय जय जय जय,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता॥
जय देव जय देव॥

 

इस गणेश जी की आरती का अर्थ है कि हम जय गणेश को श्रेष्ठ और सर्वश्रेष्ठ भगवान मानते हैं, जो जीवन के समस्त संकटों को दूर करने वाले, विद्या और सुख के दाता हैं। उनकी माता पार्वती और पिता महादेव (शिव) हैं।

आरती में गणेश जी के रूप, रंग, आभूषण, और वाहन का वर्णन किया गया है, जो उनके भक्तों के द्वारा पूज्य जाते हैं। गणेश जी की आरती में गणेश जी की महिमा और महत्व को बयां किया गया है, और प्रार्थना की गयी  हैं कि श्री गणेश  सभी संकटों को दूर करें और उन्हें सुख-शांति प्रदान करें। यह आरती गणेश भक्ति में गाई जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक प्रार्थना का भी रूप धारण करती है।

विदेश मे स्थित मेरे सनातनी भाइ जो हिंदी पढ़ने मे असमर्थ है खास उनके लिए गणेश जी की आरती उच्चारण इंग्लिश मे नीचे दिया गया है । 

गणेश जी की आरती
गणेश जी की आरती

1. Ganesh ji’s aarti Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva English pronunciation

Jai Ganesh, Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva,
Mata Jaki Parvati, Pita Mahadeva.

Ek Dant Dayavant, Char Bhujadhari,
Mathe Par Tilak Sohe, Mooshak Ki Sawari.

Mata Ki Sund Bole, Shubh Din Hove Saare,
Ganesh Le Harshit Maani, Devi Parvati Ka Pyaare.

Andhan Ko Aankh Dete, Kodin Ko Kaaya,
Baans Ki Charri, Ambar Ko Kothari, Raath Ka Damara.

Laalchandan Ki Uti, Kumkum Bhare Keshara,
Heere Jadit Mukut Shobhato Baara,
Ranahuti Nrup Charani Gahagari.

Jai Ganesh, Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva,
Mata Jaki Parvati, Pita Mahadeva.

Shendur Lal Chadhao, Achha Gajmukh Ko,
Dondil Lal Biraje Sut Gaurihar Ko.

Haath Liye Gud Laddu, Sai Survar Ko,
Mahima Kahe Na Jaaye Lagat Hoon Pad Ko.

Jai Jai Jai Jai Jai,
Jai Jai Ji Ganaraj Vidyasukhdata,
Dhany Tumharo Darshan Mera Man Ramata.
Jai Dev Jai Dev.

 

2. सुखकर्ता दुखहर्ता गणेश जी की आरती

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नूरवी पुरवी प्रेमा कृपा जयची
सर्वांगी सुंदरा उटि  शेंदुराची
कंठी  झलके माला मुक्ताफलाची 

जय देव जय देवा जय मंगलमूर्ति
दर्शनमत्रे मनकामना पूर्ति

रत्नाचिता फरा तुजा गौरीकुमारा
चंदनची उति कुमकुमकेसरा
हिर जादिता मुकुता शोभतो बारा
रनहुँति नृप चरनि गहगारी

जय देव जय देवा जय मंगलमूर्ति
दर्शनमत्रे मनकामना पूर्ति

लम्बोदर पीताम्बरा फणीवर बंधना
सरला सोंडा वक्रतुण्ड त्रिनयन
दासा रामच वात पै साधना
संकटी पावे निर्वाणी रक्षे सुरवरवन्दना

जय देव जय देवा जय मंगलमूर्ति
दर्शनमत्रे मनकामना पूर्ति

गणेश जी की आरती
गणेश जी की आरती

अर्थ  ; “सुखकर्ता दुखहर्ता” आरती का अर्थ है कि भगवान गणेश सुख का कारण और दुख को दूर करने वाले हैं, विघ्नों के नाशक हैं, और प्रेम और कृपा के सच्चे स्रोत हैं। वे सभी शरीर के सर्वांग में सुंदरता और आनंद की भावना को पैदा करते हैं और उनकी मुक्ति प्राप्त करने के लिए भक्त उनसे प्रार्थना करते हैं।

गणेश जी की आरती में गणेश जी के रूप, रंग, आभूषण, और वाहन का वर्णन किया गया है, और उनकी महिमा और महत्व को बयां किया गया है, और भक्त उन्हें प्रार्थना करते हैं कि वे सभी संकटों को दूर करें और उन्हें सुख-शांति प्रदान करें।

इस आरती के अंत में, भक्त गणेश जी का स्तुति करते हैं और उनके दर्शन से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस आरती के माध्यम से भक्त गणेश जी की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। यह गणेश जी की आरती भगवान श्री गणेश जी से सभी दुखों को दूर करने की याचना करती है । 

 

2. Ganesh Ji ki Aarti Sukhakarta Dukhaharta

Sukhakarta Dukhaharta Varta Vighnachi,
Noorvi Poorvi Prem Krupa Jayachi.
Sarvangi Sundara Uti Shendurachi,
Kanthi Jhalke Mala Mukta Phalanchi.

Jai Dev Jai Deva Jai Mangal Murti,
Darshanamatre Manakamana Purti.

Ratnachita Phara Tuja Gaurikumara,
Chandanchita Uti Kumkumkeshara.
Hira Jadita Mukuta Shobhato Bara,
Ranahuti Nrupa Charani Gahagari.

Jai Dev Jai Deva Jai Mangal Murti,
Darshanamatre Manakamana Purti.

Lambodara Pitambara Phanivara Bandhana,
Sarala Sonda Vakratunda Trinayana.
Dasa Ramacha Vata Pai Sadhana,
Sankati Paave Nirvani Rakshe Suravarvandana.

Jai Dev Jai Deva Jai Mangal Murti,
Darshanamatre Manakamana Purti.

3. शेंदुर लाल चढ़ायो गणेश जी की आरती 

शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को,
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को।

हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवर को,
महिमा कहे न जाय लागत हूं पद को।।
।। जय देव जय देव ।।

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता।।
।। जय देव जय देव ।।

भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबहि भरपूर पावे।

ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावीनन्दन निशिदिन गुण गावे।।
।। जय देव जय देव ।।

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता।।
।। जय देव जय देव ।।

घालीन लोटांगण वंदिन चरण,
डोळ्यांनी पाहीं रुप तुझे।

प्रेम आलिंगिन आनंदे पूजीं,
भावे ओवालीन म्हणे नामा।।

त्वमेव माता पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।

त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वम मम देव देव।।

कयें वच मनसेन्द्रियैवा,
बुद्धयात्मना व प्रकृतिस्वभावा।

करोमि यद्यत सकलं परस्मै,
नारायणायेति समर्पयामि।।

अच्युत केशवम रामनरायणं,
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरी।

श्रीधरम माधवं गोपिकावल्लभं,
जानकीनायकं रामचंद्रम भजे।।

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।

हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे।।

“शेंदुर लाल चढ़ायो” आरती का संक्षिप्त अर्थ है कि भगवान गणेश, जिनकी लाल सौंदर्यमयी छवि को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है, आपके हाथों में लड्डू और गुड़ के गांठ लिए हुए हैं। उनकी महिमा अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनके दर्शन से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस गणेश जी की आरती में आप गणेश जी की पूजा करते हैं और उनके पावन चरणों में अपने सर्वाधिक प्रेम और श्रद्धा का अभिव्यक्ति करते हैं।

इस गणेश जी की आरती के में, गणेश जी को माता, पिता, बंधु, सखा, विद्या, द्रविण, और अपने देवता के रूप में माना गया हैं । इस आरती के माध्यम से आप अपने भावनाओं को व्यक्त करते हैं और गणेश जी से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। यह गणेश जी की आरती काफी प्रचलित है । 

3. Shendur Lal Chadhayo Achha Gajmukh Ko Ganesh Ji ki Aarti 

Shendur Lal Chadhayo Achha Gajmukh Ko,
Dondil Lal Biraje Sut Gaurihar Ko.
Haath Liye Gudladdu Saai Survar Ko,
Mahima Kahe Na Jaaye Laagat Hu Pad Ko.

Jai Dev Jai Dev!

Jai Jai Shri Ganaraj Vidya Sukhdata,
Dhany Tumhara Darshan Mera Man Ramta.
Jai Dev Jai Dev!

Bhavbhagat Se Koi Sharanagat Aave,
Santati Sampatti Sabahi Bharpoor Paave.
Aise Tum Maharaj Moko Ati Bhave,
Gosaavinnandan Nishidin Gun Gaave.
Jai Dev Jai Dev!

Jai Jai Shri Ganaraj Vidya Sukhdata,
Dhany Tumhara Darshan Mera Man Ramta.
Jai Dev Jai Dev!

Ghaalin Lotangana Vandina Charan,
Dolyanni Pahi Rup Tujhe.
Prem Aalingin Aanande Pooje,
Bhaave Ovaaleen Mhane Naama.

Tamev Maata Pitaa Tamev,
Tamev Bandhushcha Sakha Tamev.
Tamev Vidya Dravinam Tamev,
Tamev Sarvam Mama Deva Deva.

Kayena Vacha Manasendriyaiwa,
Buddhyatmana Va Prakrutiswabhawa.
Karomi Yadyat Sakalam Parasmai,
Narayanayeti Samarpyami.

Achyut Keshavam Ram Narayanam,
Krishna Damodaram Vasudevam Hari.
Shreedharam Madhavam Gopikavallabham,
Janakinayakam Ramchandram Bhaje.

Hare Ram Hare Ram,
Ram Ram Hare Hare.
Hare Krishna Hare Krishna,
Krishna Krishna Hare Hare.

4. मोदक प्रिय महादेवा गणेश जी की आरती

मोदक प्रिय महादेवा, तुम्हारा नाम है गणेश
तुम्ही हो सर्व कार्यों का आरंभ, तुम्ही हो सर्व कार्यों का समापन
तुम्हारे भक्तों की सुनते हो दुःख-हरण, तुम्हारे भक्तों की पूरते हो मनोकामना । 

तुम्हारा रूप है सुन्दर, तुम्हारा मुख है हाथी
तुम्हारे पेट में है संपूर्ण ब्रह्माण्ड, तुम्हारे हाथ में है पाश-अंकुश
तुम्हारे कान में है कुण्डल, तुम्हारे मस्तक पर है करोड़पति
तुम्हारे गले में है सर्प-हार, तुम्हारे पैरों में है मोजा ।

तुम्हारी सेवा करते हैं मौषी-सिद्धि, तुम्हारा संगी है मूषक-सहेली
तुम्हारी प्रसन्नता के लिए लाते हैं मोदक-लड्डू, तुम्हारी क्रोध को शांत करते हैं दूर्वा-पत्र
तुम्हारी पूजा करते हैं सिद्ध-साधक, तुम्हारी स्तुति करते हैं संत-सुर
तुम्हारी महिमा कहते हैं पुराण-शास्त्र, तुम्हारी कथा सुनते हैं प्रेम-भक्त । 

मोदक प्रिय महादेवा, तुमको प्रणाम हमारा
तुमसे प्रार्थना हमारी, सबसे पहले सुनो
हमें बनाओ सत्-संकल्प, हमें बनाओ सत्-संग
हमें बनाओ सत्-कर्म, हमें बनाओ सत्-संतोष । 

गणेश जी की आरती “मोदक प्रिय महादेवा” का अर्थ में हम गणेश जी की महिमा और महत्व को प्रमोट करते हैं। हम उनके दिव्य रूप, वाहन, और गुणों का वर्णन करते हैं, और यह सिद्ध करने के लिए कि वे सबकुछ हैं और सभी प्राणियों के श्रेष्ठ देवता हैं।

इस गणेश जी आरती  के माध्यम से हम गणेश जी के प्रति हमारी भक्ति और श्रद्धा का अभिव्यक्ति करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि वे हमें सच्चे सत्संग, सत्कर्म, और संतोष की दिशा में मार्गदर्शन करें ताकि हम सफलता प्राप्त कर सकें। इस आरती के माध्यम से हम गणेश जी की पूजा करते हैं और उनके आगे हमारी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस गणेश जी की आरती का इंग्लिश अनुवाद इस प्रकार है । 

4. Ganesh Ji ki Aarti Modak Priya Mahadeva

“Modak Priya Mahadeva, tumhara naam hai Ganesh
Tumhi ho sarv karyon ka aarambh, tumhi ho sarv karyon ka samapan
Tumhare bhakton ki sunte ho dukh-haran, tumhare bhakton ki poorti ho manokamna

Tumhara roop hai sundar, tumhara mukh hai haathi
Tumhare pet mein hai sampurna Brahmand, tumhare haath mein hai paash-ankush
Tumhare kaan mein hai kundal, tumhare mastak par hai karodpati
Tumhare gale mein hai sarp-haar, tumhare pairon mein hai moja

Tumhari seva karte hain mausi-siddhi, tumhara sangi hai mooshak-saheli
Tumhari prasannata ke liye late hain modak-laddoo, tumhari krodh ko shaant karte hain dooerva-patr
Tumhari pooja karte hain siddh-saadak, tumhari stuti karte hain sant-sur
Tumhari mahima kehte hain puran-shastra, tumhari katha sunte hain prem-bhakt

Modak Priya Mahadeva, tumko pranaam humara
Tumse prarthana humari, sabse pehle suno
Hamein banao sat-sankalp, hamein banao sat-sang
Hamein banao sat-karm, hamein banao sat-santosh”

5. गणेश चालीसा गणेश जी की आरती 

  दोहा:
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल॥

  चौपाई:
जय जय जय गणपति गणराजू।
मंगल भरण करण शुभः काजू॥

जै गजबदन सदन सुखदाता।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥

राजत मणि मुक्तन उर माला।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित।
चरण पादुका मुनि मन राजित॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता।
गौरी लालन विश्व-विख्याता॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे।
मोषक वाहन सोहत द्वारे॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी।
अति शुची पावन मंगलकारी॥

एक समय गिरिराज कुमारी।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा॥

अतिथि जानी के गौरी सुखारी।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला।
बिना गर्भ धारण यहि काला॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना।
पूजित प्रथम रूप भगवाना॥

अस कही अन्तर्धान रूप हवै।
पालना पर बालक स्वरूप हवै॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं।
नाभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा।
देखन भी आये शनि राजा॥

निज अवगुण गुणि शनि मन माहीं।
बालक, देखन चाहत नाहीं॥

गिरिजा कछु मन भेद बढायो।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई।
का करिहौं, शिशु मोहि दिखाई॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा।
बालक स

िर उड़ि गयो अकाशा॥

गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो।
काटी चक्र सो गज सिर लाये॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा॥

चले षडानन, भ्रमि भुलाई।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥

धनि गणेश कही शिव हिये हरषे।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई।
शेष सहसमुख सके न गाई॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा॥

अब प्रभु दया दीना पर कीजै।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै॥

   दोहा:

श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान।

5. Gnesh chalisa

 Doha:
Jai Ganpati sadgun sadan,
Kavi var badan kripal.
Vighn haran mangal karan,
Jai jai girija lal.

  Chopai:
Jai jai jai Ganpati ganraju,
Mangal bharan karan shubh kaju.

Jai gajavadan sadan sukhdata,
Vishwa Vinayaka buddhi vidhata.

Vakratund shuchi shund suhavana,
Tilak tripund bhal man bhavana.

Rajat mani muktan ur mala,
Swarn mukut shir nayan vishala.

Pustak pani kuthar trishulam,
Modak bhog sugandhit phoolam.

Sundar pitambar tan sajat,
Charan paduka muni man rajat.

Dhani Shiv suvan shadanan bhrata,
Gauri lalan vishwa-vikhyata.

Riddhi-siddhi tav chavar sudhare,
Mosak vahana sohat dvare.

Kahau janam shubh katha tumhari,
Ati shuchi pavank mangalkari.

Ek samay giriraj kumari,
Putr hetu tap kinha bhari.

Bhayo yajnya jab puran anupa,
Tab pahunchyo tum dhari dvij rupa.

Atithi jani ke Gauri sukhari,
Bahuvadhi seva kari tumhari.

Ati prasann havai tum var dinha,
Matu putra hit jo tap kinha.

Milahi putra tuhi, buddhi vishala,
Bina garbh dharan yahi kala.

Gananayak gun gyan nidhana,
Pujit pratham rup bhagwana.

As kahi antardhan rup havai,
Palna par balak swarup havai.

Bani shishu rudan jabhin tum thana,
Lakhi mukh sukh nahin Gauri samana.

Sakal magan, sukh mangal gavahi,
Nabh te suran suman bahu barasahi.

Shambhu, Uma, bahudan lutavahi,
Sur munijan, sut dekhan avahi.

Lakhi ati anand mangal sajai,
Dekhan bhi aaye Shani raja.

Nij avgun gun Shani man mahin,
Balak, dekhan chahat nahin.

Girija giri vikal havai dharni,
So dukh dasha gayo nahin varni.

Hahakar machyo Kailasha,
Shani kinho lakhi sut ko nasha.

Turat Garuda chadhi Vishnu sidhai,
Kati chakra so gaj sir laye.

Balak ke dhad uri upar dharyo,
Prana mantr padhi Shankar darayo.

Naam Ganesh Shiv tab kinhe,
Pratham pujya buddhi nidhi, var dinhe.

Buddhi pariksha jab Shiv kinha,
Prithvi kar pradakshina linha.

Chale shadanan, bhrami bhulai,
Rache baithe tum buddhi upai.

Charan matu-pitu ke dhar linhen,
Tinke saat pradakshina kinhen.

Dhani Ganesh kahi Shiv hiye harshi,
Nabh te suran suman bahu barse.

Tumhari mahima buddhi badaai,
Shesh sahas mukh sake na gaai.

Main matihin malin dukhari,
Karahun kaun vidhi vinay tumhari.

Bhajat Rama Sundar Prabhdasa,
Jag Prayag, Kakara, Durvasa.

Ab Prabhu daya deena par kijai,
Apni shakti bhakti kuch dijai.

 Doha:
Shri Ganesh yah Chalisa,
Path karai kar dhyan.
Nit nav mangal grih basai,
Lahe jagat sanman.

 

आश है आप ये 5 गणेश जी की आरती गणेशोत्‍सव 2023 मे गायेंगे ओर भगवान श्री गणेश जी से सभी विघ्नों को दूर करने की याचना करेंगे आप को यह 5 गणेश जी आरती ओर उनका अर्थ कैसा लगा आप का अनुभव कमेन्ट बॉक्स मे दर्ज करे आप सभी को गणेश चतुर्थी 2023 की लिए हार्दिक शुभ कामना । 

2 thoughts on “गणेश जी की आरती हिंदी मे 5 Soulful Ganesh Ji ki Aarti in english

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